स्त्री योन रोग व अन्य रोगों की समस्याओं के कारण और उपचार

Girl Woman” by Christopher Campbell/ CC0 1.0

 पुरुष वर्चस्व समाज में, कभी शर्म या झिझक के चलते, तो कभी गलत समझे जाने के डर के कारण स्त्रियां अपनी यौन समस्याओं के बारे मे ज़िक्र करने से भी डरती हैं, लेकिन अब समय और लोगों की सोच बदल रही है और ऐसे में महिलाएं खुद ही सेक्स समस्याओं को लेकर काफी जागरूक हो रही हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कुछ महिलाएं हैं, जो अपनी यौन समस्याओं से अब भी अनजान हैं।
जहां तक सेक्सुअलिटी का सवाल है, तो सामान्यतः ये मेल और फीमेल दोनो में एक समान होती है। वास्तव में सेक्सुअलिटी का संबंध केवल सेक्स क्रियाओं से ही  नही है बल्कि ये एक दूसरे के प्रति प्रतिक्रिया करने से भी संबंधित है। ये नारी और उसके पुरुष साथी की भावनाओं और रिश्तों को भी प्रभावित करती है। हालांकि एक महिला में 30 से 40 वर्ष के बीच सेक्स चरम सीमा पर होता है, लेकिन यह भी कोई नही नकार सकता कि स्त्री जीवन भर भी सेक्स का आनंद ले सकती है।

सेक्स संबंधी समस्याओं के कारण:

इसके अलावा बहुत सी शारारिक स्थितियां भी स्त्रियों में सेक्स की इच्छा को घटा देती हैं जैसे, थकावट, डायबिटीज़, लीवर या गुर्दे के रोग, मेनोपॉज़, प्रेगनेंसी, शराब, या नशीले पदार्थों का सेवन।
कई बार कुछ दवाइयों के प्रयोग से भी सेक्स इच्छा में कमी आ जाती है।

इसके अतिरिक्त भी स्त्रियों में होने वाले रोगों के कई कारण हो सकते हैं जो महिला के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। उनमें से कुछ निम्न हैं:

अनुचित आहार और अनुचित जीवन शैली –


माहवारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो कि हमारे शरीर से अनावश्यक तत्व बाहर  निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस समय, शरीर में रक्त कमी हो जाती है और कमी को पूरा करनेे के लिए अतिरिक्त पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। अन्यथा यह पूरे शरीर के कामकाज को कमजोर करता है। लेकिन लोगों की वर्तमान में अस्वाथ्यकारक भोजन की आदतें कई विकार पैदा करती हैं। विशेष रूप से महिलाओं को सबसे ज़्यादा हानि पहुंचा रही है।स्लिम बॉडी  पाने के लिए वे  आवश्यक न्यूनतम आहार भी नहीं ले रहे हैं। इससे उन्हें कमज़ोरी हो जाती है। शरीर में कई बीमारियां उत्पन्न होता है। अतिरिक्त काम या टीवी और मोबाइल में अधिक समय बिताती हैं इस  कारण देर से  सोती हैं।इस कारण स्त्रियां शारीरिक काम कम करती हैं, जिससे उनकी पैल्विक मांसपेशियों कमज़ोर हो जाती हैं, जो उसके प्रजनन कार्य में बहुत महत्वपूर्ण हैं।

खराब गुणवत्ता वाले दूध और दूध उत्पादों की उपलब्धता –


स्त्रियों में ऑक्सीटॉसिन नामक एक हार्मोन पाया जाता है जोकि महिलाओं में दूध उत्पादन के लिए बच्चे के जन्म के दौरान बनता है। लेकिन इन दिनों, वह इस हार्मोन को दैनिक आधार पर दूध के खराब स्रोतों के माध्यम से प्राप्त कर रही है, जो गाय और भैंसों से इंजेक्शन और रासायनिक दवाओं से जबरन निकाला जाता है। इस हार्मोन की अधिकता गर्भाशय के संकुचन का कारण बनती है जिससे एक अजन्मे बच्चे में परेशानी होती है। यह गर्भ में पल रहे शिशु में गंभीर मस्तिष्क और धीमी ह्रदय गति का कारण बनता है और गर्भाश्य में मौजूद पानी में विषाक्तता, एलर्जी और गर्भाशय फटना जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।

एकल या पृथक परिवार


एकल परिवारों की अवधारणा इन दिनों बहुत ही आम है, जो अप्रत्यक्ष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य को नकारात्मक तरीके से प्रभावित कर रही है। पहले  बच्चों और कई अन्य चीजों की देखभाल करने के लिए दादा-दादी होते थे, लेकिन अब सब कुछ की जिम्मेदारी महिलाओं पर है, विशेष रूप से काम कर रही महिलाओं पर।काम का भारी बोझ, कम  नींद, तनाव और कुपोषण के कारण, दिन प्रतिदिन कमजोर हो रही हैं।

सेल्फ ट्रीटमेंट-


कुछ स्त्रियां टीवी या अन्य माध्यमों से विज्ञापन देखकर खुद ही अपना इलाज शुरू कर देती हैं वो भी बिना किसी टेस्ट व किसी योग्य डॉक्टर के परामर्श के, जोकि काफी घातक सिद्ध होता है।

सोसायटी के मुद्दों –


कुछ लोग अपनी लड़की के बच्चे से संबंधित मुद्दों के बारे में बहुत सचेत हैं। वो समाज के डर के कारण एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने में उन्हें बहुत शर्माते है क्योंकि एक युवा या अविवाहित लड़की को एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की क्या ज़रूरत है। क्या वह कुछ गलत क्रियाओं में शामिल है। यहां तक ​​कि विवाहित महिलाओं को भी यही डर है। हमें समाज की अनदेखी करनी चाहिए और जैसे-जैसे हम कुछ संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों या लक्षणों का सामना करते हैं, वैसे ही एक अच्छी स्त्री रोग विशेषज्ञ के साथ परामर्श करना चाहिए, इन बातों में देरी के कारण बांझपन और कैंसर जैसे विनाशकारी समस्याएं हो सकती हैं।

भारतीय अंधविश्वासों –


भारत व भारत जैसे अन्य कुछ देशों में बांझपन व योंन समस्याओं को अंधविश्वास की नज़रों से देखा जाता है, जिस कारण पीड़ित महिला की समस्या बाद बदतर हो जाती है।

उचित यौन शिक्षा का अभाव –


अक्सर हम युवाओं के सामने किसी भी प्रकार के सेक्स से संबंधित चर्चाओं से बचने का प्रयास करते हैं। सेक्स सम्बंधित किसी भी तरह की बात करना या कहना बुरा व असभ्य समझ जाता है। सही जानकारी ना होना ही इस समस्या की सबसे  मजबूत कड़ी है।

महिला स्त्रीरोग विशेषज्ञों की अनुपलब्धता –


यह एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि महिलाएं अक्सर एक पुरुष चिकित्सक के साथ इन समस्याओं को साझा करने में शर्मीली और असहज महसूस करती हैं।

सेक्स से संबंधित दवाओं के अत्यधिक उपयोग –


अत्यधिक तनाव, स्वच्छता की कमी और खराब जीवनशैली पुरुष एवं महिला दोनों में शरीर के हार्मोन को प्रभावित करती है। यह विभिन्न सेक्स संबंधी मुद्दों का कारण बनता है और लोगों को रासायनिक दवाओं / दवाइयां शुरू करने के लिए सहनशक्ति बढ़ाने और अपने यौन जीवन में सुधार लाने के लिए ये दवाएं समय के साथ कमजोर यौन अंग हैं और अकसर संक्रमण, एसटीआई और उस अंग को स्थायी क्षति की और ले जाती हैं। जीवन शैली में सुधार करने और इन समस्याओं से बचने के लिए अच्छे स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेने की कोशिश करनी चाहिए।

सौंदर्य उत्पादों का अत्यधिक उपयोग –


हर उम्र की लगभग हर महिला में रासायनिक प्रवण सौंदर्य उत्पादों का उपयोग बहुत अधिक हो गया है

खराब उपचार प्रक्रियाएं –


तकनीकी उन्नति के साथ, उपचार प्रक्रिया तेजी से और आसान हो रही है लेकिन अधिक अस्वस्थ और अस्वास्थ्यकर। रासायनिक प्रवण सर्जरी प्रक्रियाओं, स्तन आरोपण, सामान्य से अधिक सिजेरियन प्रसव हमारे शरीर हानिकारक हैं। एक बार लाभ के लिए, एक महिला को उसके आंतरिक शरीर के कामकाज और स्वास्थ्य से बलिदान नहीं करना चाहिए।

पुरुष वर्चस्व समाज-


भोजन से लेकर हर चीज तक पुरुषों का ख्याल रखना ज्यादातर परिवारों में महिलाओं के मुकाबले बेहतर है क्योंकि उन्हें सिर्फ घरेलू निर्माता के रूप में माना जाता है। किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए महिला को कभी-कभी खुली जगहों में खेलने की अनुमति नहीं है यह सब उसे अस्वस्थ कर रहा है और अंदर और बाहर दोनों ही विकास को बाधित कर रहा है।

जलवायु परिवर्तन –


अधिक प्रदूषण और यूरिया प्रवण खाद्य पदार्थों ने शरीर के हार्मोन के स्वास्थ्य और कामकाज को परेशान करने से भी इस समस्या में योगदान दिया है।

महिलाओं की समस्याओं के समाधान और उपचार

हम ऊपर से यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि लगभग सभी महिला संबंधित समस्याओं का मूल कारण हार्मोनल समस्या या असंतुलन है। उसे स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए और शरीर को हार्मोन मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए। स्त्रीका संबंधी समस्याओं को रोकने के लिए निम्नलिखित चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए:

उचित आहार –


हमें समझना चाहिए कि मासिक धर्मों के दौरान स्वस्थ रहने के लिए एक महिला को अपने शरीर में खून की अतिरिक्त आवश्यकता के कारण पुरुष की तुलना में अधिक पोषण आहार की जरूरत होती है। नियमित अंतराल पर सही और पोषण युक्त भोजन लेना चाहिए। योग या कसरत द्वारा शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए।

स्वस्थ जीवन शैली –


एक प्राकृतिक रूप से महिला को समय पर नींद लेनी चाहिए। पुरुषों को भी महिलाओं की अच्छी देखभाल करना चाहिए रजोनिवृत्ति के कारण, 40 के बाद महिलाओं में निदान प्रक्रिया धीमा पड़ती है, जो शरीर के कामकाज में गड़बड़ी का कारण बनती है। उस समय, स्वस्थ जीवन शैली बहुत आवश्यक है
प्रदूषण में कमी – प्रदूषित वायु, पानी और भोजन ने इतनी स्वास्थ्य समस्याओं और महिलाओं को पैदा किया है क्योंकि पुरुषों की तुलना में उनके हार्मोन अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए, जितना संभव हो उतना प्रदूषण को कम करने के लिए उचित देखभाल की जानी चाहिए।

यौन समस्याएं और समाधान

सेक्सुअल रेस्पांस साइकल

सेक्स संबंधी समस्याएं कैसे और क्यों होती हैं ये सब जानने से पहले सेक्सुअल रेस्पांस साइकल के बारे में जानना उचित होगा।
इसके चार चरण होते हैं-

सेक्स इच्छा का पैदा होना-

ये महिला की सेक्स प्रति रूचि दिखता है, इसमें स्त्री मूड में आ जाती है और उसकी धड़कने बढ़ जाती हैं तथा स्किन का कलर लाल हो जाता है

उत्तेजना-

छूकर, देखकर, सूंघकर या कल्पना के द्वारा उत्तेजित हो जाती है।इसमें स्त्री के शरीर में रासायनिक परिवर्तन शुरू हो जाते हैं और उसके यौनांगों में खून का प्रवाह बढ़ने से उनके आकर में बदलाव आना शुरू हो जाता है।

ऑर्गेज़्म(चरमसीमा)-

योनि की की मांसपेशियां इस तरह सिकुड़ती और फैलती हैं कि एक सुखद  अनुभूति का एहसास होता है।

अंतिम अवस्था- इस अंतिम चरण में योनि और उसके आस पास की मसल्स आरामदायक स्थिती में आ जाती हैं और स्त्री रिलेक्स और संतुष्ट महसूस करती है और नींद आने का एहसास होता है।

          इन चारों चरणों को ही सेक्सुअल रेस्पांस साइकल कहते हैं इनमें से किसी भी अवस्था के प्राकृतिक ढंग से घटित न होने पर सेक्स समस्याएं जन्म लेती हैं।

सेक्स समस्याओं को हम मुख्य रूप से तीन भागों में बांट सकते हैं-

  • सेक्स इच्छा का न होना
  • उत्तेजित न होना या ऑर्गेज़्म तक न पहुंच पाना
  • संभोग या सहवास के दौरान दर्द होना

मुख्य यौन समस्यायें-

  • शारीरिक ,मानसिक, वातावरण के कारण
  • रिश्तों में दूरी।
  • भावनात्मक प्रॉबलम्स।
  • अपर्याप्त उत्तेजना।
  • गायनोकोलॉजिकल समस्याएं,जैसे
  • अनियमित मासिक धर्म
  • दर्द के साथ मासिक धर्म
  • कमर के निचले हिस्से में दर्द
  • पीसीओडी / पीसीओएस
  • अंडाशय में गांठ
  • गर्भाशय फाइब्रॉएड / पॉलीप्स
  • ल्यूकोरिया(श्वेत प्रदर)
  • वैजिनाइटिस (योनि में खुजली, सूखापन और संक्रमण)
  • गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय में संक्रमण (फंगल, बैक्टीरिया, वायरल और प्रोटोजोअल सहित)
  • बांझपन
  • गर्भाशय और डिम्बग्रंथि के कैंसर, गर्भाशय के विस्तार
  • गर्भपात
  • योनि का सूखापन।
  • योनि में जलन या खुजली आदि।

समाधान-

यौन समस्याओं के कारण चाहे कुछ भी हों, पर ये लाइलाज नही होते हैं, कुछ निश्चित तरह के टेस्ट,दवाइयों और परामर्श आदि से इन समस्याओं से आपको छुटकारा मिल जाता है।
यदि आपको सेक्स संबंधी जानकारी की कमी के चलते तथा अस्वस्थ रिश्तों के चलते योन समस्या है तो साइकोथेरेपी आपके लिए मददगार होता है।इसमें सेक्स थेरेपिस्ट आपको सेक्स के बारे सही जानकारी देगा और सही तरीके से सेक्स करने के बारे में भी बताएगा तथा आपकी समस्या को समझकर उसका हल भी आपको बताएगा। वे इसमें योग व सेक्स क्रियाएं केसे करें ये बताता है।
शारीरिक समस्याओं को डॉक्टरों के परामर्श से सही किया जा सकता है तथा बाजार में ऐसी बहुत सी स्त्री रोगनाशक दवाइयां उपलब्ध हैं, जो योनि की सूजन, जलन, खुजली, संक्रमण आदि को दूर करती हैं और हार्मोन्स को संतुलित करती हैं। सबसे ज़रूरी बात ये है कि हर तरह की सेक्स समस्या के लिए दवा या टेस्ट की ज़रूरत नही पड़ती इन्हें आप खुलकर बात करके तथा आपसी समझ बूझ से भी हल कर सकते हैं।

इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें-

● पोष्टिक भोजन लें और स्वस्थ्य जीवन अपनाएं।
● नशीले पदार्थों ला सेवन न करें।
● प्रतिदीन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।
● तनाव से बचें व अपने लिए समय निकालें
● अपने साथी से खुलकर बात करें और आपसी रिश्ते को बेहतर व ईमानदारी से निभायें।

कुछ समस्यायें तो स्वाभाविक रूप से समय के साथ खुद ठीक हो जाती हैं परंतु कुछ समस्याएं ऐसी भी होती हैं जिसके लिये लिए हमें उपचार की ज़रूरत पड़ती है। इसके लिए सबसे पहले प्रॉबलम्स क्या है और क्यों है इसके कारणों को जानना बहुत ज़रूरी होता है तभी हम उसका सही समाधान निकाल सकते हैं। कुछ समस्यायें तो ऐसी होती हैं जिनको आपसी बात चीत, काउंसलिंग, सेक्स ज्ञान के ज़रिए ही हल किया जा सकता है।

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