नपुंसकता का इलाज व औषधियाँ


नपुंसकता के लिये कामयाब घरेलू नुस्खे:(Home made medicine to increase sex power)

◆  छोटा गोखरू 150 ग्राम चूर्ण थोड़े से घी में भून लें तथा इसको 250 ग्राम शहद में मिलाकर सुबह में 10 से 15 ग्राम दूध से सेवन करें।ये नपुंसकता का श्रेष्ठ योग है।

◆  असगन्ध नागोरी,कोंच के बीज,सालब मिश्री सब को समभाग लेकर कपड़छान  चूर्ण बना लें और इसमें से 3 ग्राम चूर्ण 10 ग्राम शहद में मिलाकर दूध के साथ सेवन करें।

◆  सोंठ,जवित्री,काकोली,भांग के बीज,इंद्र जो प्रत्येक 15-15 ग्राम,शतावरी,तारामीरा के बीज,खसखस के बीज,उटंगन के बीज सभी के 10-10 ग्राम बीज लेकर कपड़छान चूर्ण बना लें।इसमें से 5 ग्राम चूर्ण लेकर मधु मिश्रित गाय के दूध के साथ सेवन करें।ये अत्यधिक मर्दनाशक्ति बढ़ाने वाला व कामोत्तेजना उतपन्न करने वाला योग है।

◆  पीपल के फूल,जड़,अंकुर सभी मिलाकर 25 ग्राम लें और इसको पीसकर चटनी बना लें तथा इसमें 100 ग्राम दूध तथा 400 ग्राम पानी मिला लें इसको जब तक पकाएं जब तक कि मिश्रित पानी जल न जाये।बचे हुवे दूध को छानकर रख ले इसको एक से डेढ़ कप की मात्रा में सुबह -शाम दो बार पियें।

प्रमुख शास्त्रीय योग🙁Famous Ayurvedic Medicine)

मूसली पाक-(Musli Pak)
इसे 25 से 50 ग्राम की मात्रा में सुबह के समय गाय के दूध से सेवन करें।इसके सेवन से मर्दाना कमज़ोरी,शीघ्रपतन,वीर्य का पतलापन,नपुंसकता नाशक,स्वप्नदोष,शारारिक दुर्बलता,वीर्य प्रमेह आदि तथा स्त्रियों के श्वेत प्रदर आदि रोगों के लिये बहुत ही अच्छा योग है।

अश्वगंधादि चूर्ण-(Ashwagandhaadi Power)
इसके सेवन से वृद्ध भी जवान के समान शक्तिशाली हो जाते हैं।जो पुरुष स्त्रयों के नाम से भी डरते हैं उनमें भी ये नया जिश भर देती है।इससे स्वप्न दोष,घाट गिरना,शीघ्रपतन,वीर्य का पतलापन होना तथा अन्य वीर्यविकार,शुक्राणुओं की कमी आदि यों रोग ठीक हो जाते हैं।रोगी की काया पलट हो जाती है।

लक्ष्मीविलास रस -Laxmi Vilas Ras
शुरू में एक एक गोली सुबह-शाम सेवन करें फिर 2-गोली आवश्यकतानुसार प्रयोग करें।इसके सेवन से बूढ़े भी जवान की माफिक ताकतवर हो जाते हैं।धात विकार,स्वप्नदोष,शीघ्रपतन,मैथुनशक्ति में वृद्धि होती है।

मनमथ रस-Manmath Ras
आयुर्वेद में इस योग की बहुत ही प्रशंसा  की गई हैं।कई स्त्रियों को रखने वाले,बार बार सम्भोग करने वाले,सेक्स का आनंद लेने वालों के लिये ये योग वरदान के स्वरूप है।ऐसे पुरुष जिनका वीर्य स्त्री के पास जाते ही निकल जाता हो तथा वीर्य पतला हो उनके लिये इसके मुकाबले कोई दूसरा योग नही है।इसका सेवन 250 मिग्रा की मात्रा में दिन तीन बार दूध के साथ करना चाहिये।

चन्द्रोदय रस-Chandrodai Ras
1 गोली या 250 मिग्रा पाउडर को पान के रस और मधु के साथ गन गुने दूध के साथ सेवन करना चाहिये ।इसके साथ अगर 2 ग्राम अश्वगंधादि चूर्ण का प्रयोग करने से लाभ कई गुना बढ़ जाता है।इसके सेवन से इन्द्रिय शिथिलता, सम्भोग करने में असमर्थता, शीघ्रपतन, नामर्दी,वीर्य की कमी आदि रोग दूर हो जाता हैं।

सिंगरफ भस्म-Shingraf Bhasm
1 से 4 मिलीग्राम की मात्रा में मख्खन या मलाई के साथ सेवन करने से जन्मजात नपुंसकता को छोड़कर केसी भी नपुंसकता या नामर्दी की रामबाण औषधि है।ये अमृत तुल्य है,यों रोगियों को इसका सेवन एक बार जरूर करना चाहिये।

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